गोलीय दर्पण ;कक्षा – 10 उ.प्र . बोर्ड (Spherical mirror class 10th UP Board )

 

🔍 गोलीय दर्पण (Spherical mirror) – प्रकार, विशेषताएँ और उपयोग

📘 परिचय

भौतिकी में, दर्पण (Mirror) एक ऐसा चिकना और चमकदार सतह होता है जो उस पर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करता है। यह आप्टिक्स (optics) या प्रकाशिकी के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गोलीय दर्पण कहलाता है 

🔹   गोलीय दर्पण की परिभाषा

एक दर्पण वह सतह होती है जो प्रकाश किरणों को इस तरह से परावर्तित करती है कि वे एक छवि (image) का निर्माण करती हैं। यह परावर्तन परावर्तन के नियमों (Laws of Reflection) पर आधारित होता है।

📐 परावर्तन के नियम

गोलीय दर्पण के प्रकार - अवतल और उत्तल

      1. आपतन कोण (Angle of Incidence) = परावर्तन कोण (Angle of Reflection)
      2. आपतित किरण, परावर्तित किरण, और अभिलंब (Normal) एक ही तल में होते हैं।

🔍 दर्पण के प्रकार Type of Mirror ; 

1. समतल दर्पण (Plane Mirror)

गोलीय दर्पण के प्रकार - अवतल और उत्तल

      • सीधी और सपाट परावर्तक सतह।
      • छवि: आभासी (Virtual), सीधी (Erect), और वस्तु के समान आकार की होती है।

🧠 विशेषताएँ:

      • पार्श्व प्रतिवर्तन (Left-right inversion)
      • छवि की दूरी = वस्तु की दूरी
      • आवर्धन (Magnification) = 1

2. गोलीय दर्पण (Spherical Mirror)

यह एक गोले के भाग के समान होता है और दो प्रकार के होते हैं:

a. अवतल दर्पण

गोलीय दर्पण के प्रकार - अवतल और उत्तल

  • आंतरिक सतह परावर्तक होती है।
  • प्रकाश को एक बिंदु पर केंद्रित करता है।
  • छवि वास्तविक या आभासी दोनों हो सकती है।

🛠 उपयोग:

  • शेविंग दर्पण
  • टॉर्च और हेडलाइट्स
  • सोलर कुकर
  • टेलीस्कोप

b. उत्तल दर्पण (Convex Mirror)

गोलीय दर्पण के प्रकार - अवतल और उत्तल

  • बाहरी सतह परावर्तक होती है।
  • प्रकाश को फैलाता है।
  • छवि हमेशा आभासी, सीधी और लघु होती है।

🛠 उपयोग:

  • वाहन के पीछे देखने वाले शीशे
  • दुकानों में सुरक्षा दर्पण

🔭 गोलीय दर्पणों द्वारा छवि(प्रतिबिम्ब ) निर्माण

वस्तु की स्थिति अवतल दर्पण में छवि उत्तल दर्पण में छवि
अनंत पर फोकस पर बिंदु रूपी वास्तविक छवि फोकस के पास लघु, सीधी और आभासी
वक्रता केंद्र से परे फोकस और वक्रत केंद्र के बीच वास्तविक, उलटी, लघु हमेशा लघु और आभासी
केंद्र पर वक्रता केन्द्र पर वास्तविक, उलटी, समान आकार हमेशा लघु और आभासी
वक्रता केन्द्र और फोकस के बीच वक्रता केंद्र से परे वास्तविक, उलटी, बड़ी
फोकस पर अनंत पर छवि (स्पष्ट नहीं)
फोकस और दर्पण के बीच आभासी, सीधी और बड़ी

📏 दर्पण सूत्र (Mirror Formula)

1/f = 1/v + 1/u

जहाँ:
f = फोकस दूरी
v = छवि की दूरी
u = वस्तु की दूरी
(सभी दूरी दर्पण के ध्रुव से मानी जाती हैं।)

🔍 आवर्धन सूत्र (Magnification)

M = h'/h = -v/u

जहाँ:
h’ = छवि की ऊँचाई
h = वस्तु की ऊँचाई

📌 दर्पणों के अनुप्रयोग

  • दैनिक उपयोग में (समतल दर्पण)
  • वाहनों के पीछे देखने वाले शीशे (उत्तल दर्पण)
  • टेलीस्कोप (अवतल दर्पण)
  • दंत चिकित्सा उपकरण
  • वैज्ञानिक उपकरण जैसे पेरिस्कोप, लेज़र, माइक्रोस्कोप

🧠 रोचक तथ्य

क्या आप जानते हैं? दो-तरफा दर्पण (Two-way mirror) वह होता है जो आधा प्रकाश परावर्तित करता है और आधा आर-पार जाने देता है। इसका उपयोग पुलिस पूछताछ कक्षों में किया जाता है।

📝 निष्कर्ष

दर्पण केवल देखने का साधन नहीं है, बल्कि भौतिकी में प्रकाश के व्यवहार और छवि निर्माण की गहरी समझ प्रदान करता है। चाहे वह विज्ञान प्रयोग हो या दैनिक जीवन का उपयोग – दर्पण हमारे लिए अत्यंत उपयोगी और आवश्यक उपकरण हैं।

 

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